तुझे हँस हँस के

तुझे हँस हँस के बिताते हैं हम.. जिन्दगी एहसान है मेरा तुझ पर…!!

दिल से मांगी जाती है

दुआ तो दिल से मांगी जाती है, जुबां से नहीं, क़बूल तो उसकी भी होती है, जिसकी ज़ुबान नहीं होती|

गुफ्तगू देर से

गुफ्तगू देर से जारी है किसी नतीजे के बगैर… बस उसके गुस्से से लगता है कि उसे प्यार बहुत है…

सोचा ही नहीं था

सोचा ही नहीं था ज़िन्दगी में ऐसे भी फ़साने होंगे, रोना भी ज़रूरी होगा,आंसू भी छुपाने होंगे।

कहा सिर्फ उस ने

कहा सिर्फ उस ने इतना के ख़ामोशी है मुझे बहुत पसंद इतना सुनना था के हम ने अपनी धडकनें भी रोक ली|

महफ़िल की ये संध्या

महफ़िल की ये संध्या ऐसे शांत क्यों हो गयी..क्या मेरे शायर दोस्तों के कलम की श्याहि समाप्त हो गयी।।

मुझे समझाया न करो

मुझे समझाया न करो अब तो हो चुकी, मोहब्बत मशवरा होती तो तुमसे पूछकर करते |

भीड़ मे हर वक्त

भीड़ मे हर वक्त मुस्कुराते हुए चेहरे हद से ज्यादा झुठ बोलते है !!

तेरा वजूद है

तेरा वजूद है कायम मेरे दिल में उस इक बूँद की तरह… जो गिर कर सीप में इक दिन मोती बन गयी…

बहुत सोचकर आज खुद से

बहुत सोचकर आज खुद से ये सवाल किया मैने… ऐसा क्या है मुझमे के लोग मुझसे वफा नही करते.!!!

Exit mobile version