कैसे किससे क्या करें, जाकर कहाँ अपील। कोर्ट कचहरी में चले, झूठी सिर्फ़ दलील।।
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काश मेरा घर
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता मोहब्बत न सही दीदार तो नसीब होता।।।
बन्दे तू कर बंदगी
बन्दे तू कर बंदगी, तो पावे दिदार । अवसर मानुष जनम का बहुरी न बारंबार ॥
मुहब्बत शोर है
मुहब्बत शोर है तो शोर मत कर इबादत है तो फिर, कुछ और मत कर
घुटन के आँसू पीता है
घुटन के आँसू पीता है , जो रिश्तों में नही किश्तों में जीता है ….
आधे से कुछ ज्यादा..
आधे से कुछ ज्यादा…पूरे से कुछ कम कुछ ज़िंदगी..कुछ गम …कुछ इश्क..और कुछ हम…
लुढ़क जाता हूँ
लुढ़क जाता हूँ अक्सर तुझमें.. तेरे इश्क़ सी ढलान; कहीं और पाता नहीं हूँ मैं…
कभी मुझे लिखा ही नहीं..
वो एक ख़त जो तूने कभी मुझे लिखा ही नहीं…? देख मै हर रोज़ बैठ कर उसका जवाब लिखता हूँ….
भरा हो पेट
भरा हो पेट तो संसार जगमगाता है… जब सताती है भूख तो ईमान डगमगाता है…!!
नज़र को नज़र की
नज़र को नज़र की खबर ना लगे कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे आपको देखा है बस उस नज़र से जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे…