खुश हूँ तेरे बिना पर

खुश हूँ तेरे बिना पर आंसू ही गिर पड़े आँखों से लिखने से पहले।

क़ैद न कर पाओगे

क़ैद न कर पाओगे, हवा हूँ मैं, एक दिन उड़ जाऊँगा ढूँढा करोगे, नज़र न आऊँगा ख़ाक में मिल जाऊँगा..

ख़ुद गुलाब हो कर

ख़ुद गुलाब हो कर तुम गुलाब छूती हो , कितनी क़यामतें बरपा करना चाहती हो..??

उसे भी खिड़कियाँ खोले

उसे भी खिड़कियाँ खोले ज़माना बीत गया मुझे भी शामो-सहर का पता नहीं चलता

होगी मजबूरी कोई

होगी मजबूरी कोई वजह मानता हूँ, मैं जुबां तेरी साँसों की जानता हूँ।।

सफर कहाँ से

सफर कहाँ से कहाँ तक पहुँच गया मेरा.. रुके जो पांव….तो कांधो पे जा रहा हूँ मैं..

लहज़ा शिकायत का था

लहज़ा शिकायत का था मगर, सारी महफिल समझ गयी मामला मोहब्बत का है !!

आज धुंध बहुत है…

आज धुंध बहुत है……. काश मै टकरा जाऊँ तुमसे..

मेरे दिल ने

मेरे दिल ने आज उसको बहुत याद कर रहा है।।दोस्त दुआ करो की उसे भूल जाऊँ..

दिल रोज सजता है

दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!! गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!

Exit mobile version