चराग़ ही ने उजालों की परवरिश की है
चराग़ ही से उजाले सुबूत मांगते हैं
हम अहले दिल से हमारी वतनपरस्ती का
वतन को बेचने वाले सुबूत मांगते हैं…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
चराग़ ही ने उजालों की परवरिश की है
चराग़ ही से उजाले सुबूत मांगते हैं
हम अहले दिल से हमारी वतनपरस्ती का
वतन को बेचने वाले सुबूत मांगते हैं…