परिंदे उनकी छत पर बैठे हैं बिन दाने के बिन पानी के
हमने तो बड़े चर्चे सुने थे उनकी मेहरबानी के….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
परिंदे उनकी छत पर बैठे हैं बिन दाने के बिन पानी के
हमने तो बड़े चर्चे सुने थे उनकी मेहरबानी के….