by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Love Shayri, Mosam Shayri, Shayari, Shayri, पारिवारिक शायरी, प्यारी शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - November 20, 2016 जो जहर हलाहल है जो जहर हलाहल है वो ही अमृत है नादान, मालूम नही तुझको अंदाज है पीने के ।।