by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Love Shayri, Mosam Shayri, Shayari, Shayri, पारिवारिक शायरी, प्यारी शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - November 18, 2016 वो बुलंदियाँ भी वो बुलंदियाँ भी किस काम की जनाब,, कि इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जायें…??