मुझे मंजूर थे वक़्त के सब सितम मगर , तुमसे मिलकर बिछड़ जाना, ये सजा ज़रा ज्यादा हो गयी।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुझे मंजूर थे वक़्त के सब सितम मगर , तुमसे मिलकर बिछड़ जाना, ये सजा ज़रा ज्यादा हो गयी।।