मिला कर ख़ाक में मुझ को
वो इस अंदाज़ में बोले।
मिट्टी का खिलोना था
कहाँ रखने के क़ाबिल था।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मिला कर ख़ाक में मुझ को
वो इस अंदाज़ में बोले।
मिट्टी का खिलोना था
कहाँ रखने के क़ाबिल था।