ना ऑंखें बोल पाती हैं, ना लफ़्ज़ों का लहू निकले है,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ना ऑंखें बोल पाती हैं, ना लफ़्ज़ों का लहू निकले है,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले..!!