by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Love Shayri, Mosam Shayri, Shayari, Shayri, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी शायरी - November 7, 2016 तुम अपने ज़ुल्म की तुम अपने ज़ुल्म की इन्तेहाँ कर दो, फिर कोई हम सा बेजुबां मिले ना मिले…