कितने अजब रंग समेटे हैं ये
बेमौसम बारिश ने. . . .
नेता पकौड़े खाने की
सोच रहा है तो किसान जहर
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कितने अजब रंग समेटे हैं ये
बेमौसम बारिश ने. . . .
नेता पकौड़े खाने की
सोच रहा है तो किसान जहर