सामान बाँध लिया है मैंने
अब बता ओ गालिब…
कहाँ रहते हैं वो लोग
जो कहीं के नहीं रहते…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सामान बाँध लिया है मैंने
अब बता ओ गालिब…
कहाँ रहते हैं वो लोग
जो कहीं के नहीं रहते…