तु कितनी भी खुबसुरत क्यूँ ना हो ए ज़िंदगी…
खुशमिजाज़ दोस्तों के बगैर तु अच्छी नहीं लगती|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तु कितनी भी खुबसुरत क्यूँ ना हो ए ज़िंदगी…
खुशमिजाज़ दोस्तों के बगैर तु अच्छी नहीं लगती|