by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Love Shayri, Mosam Shayri, Shayari, Shayri, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी शायरी - November 6, 2016 इस दौर में इस दौर में इंसानो का चेहरा नही मिलता… मैं कब से नकाबों की तहें खोल रहा हूँ…