यूँ तो गलत नही

यूँ तो गलत नही होते अंदाज चेहरो के ,, लेकिन लोग वैसे भी नही होते जैसे नजर आते है .

मत पूछ वज़ह

मत पूछ वज़ह…तु पसंद हैं बेवज़ह…

सहारा-ए-फसाना

अकसर हकीकत जानते हुए भी, सहारा-ए-फसाना लिये जा रहे हैं …!

शक करती है दुनिया

लाख समझाया के शक करती है दुनिया, मगर ना गयी आदत मेरी मुस्कुरा के गुजरने की..

वजह नफरतों की

वजह नफरतों की तलाशी जाती हैं, मोहब्बतें तो बिन वजह ही हो जाया करती हैं.

ये कच्चे रिश्ते

मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे .!

अजीब सी ख्वाहिश

अब की बार एक अजीब सी ख्वाहिश जगी है….. कोई मुझे टूट कर चाहे और मै बेवफा निकलू…

बरसों गुज़र गये

बरसों गुज़र गये , रो कर नही देखा, आँखों में नींद थी,सो कर नही देखा,, वो क्या जाने दर्द मोहब्बत का, जिसने किसी को खो कर नही देखा

देखी जो नब्ज़

देखी जो नब्ज़ मेरी तो हसकर बोला हकीम…. जा दीदार कर उसका जो तेरे हर मर्ज़ की दवा है..

हमेशा नहीं रहते

हमेशा नहीं रहते सभी चेहरे नकाबो में ….!!! हर एक किरदार खुलता है कहानी ख़तम होने पर….!!””

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