पहले कभी ये यादें ये तनहाई ना थी, कभी दिल पे मदहोशी छायी ना थी, जाने क्या असर कर गयीं उसकी बातें, वरना इस तरह कभी याद किसी की आयी ना थी।
Category: Urdu Shayri
दोनों आखों मे
दोनों आखों मे अश्क दिया करते हैं हम अपनी नींद तेरे नाम किया करते है जब भी पलक झपके तुम्हारी समझ लेना हम तुम्हे याद किया करते हैं…
हम जिनके दीवाने है
हम जिनके दीवाने है वो गैरों के गुण गाते थे, हमने कहा आपके बिन जी ना सकेंगे, तो हंस के कहने लगे, के जब हम ना थे तब भी तो जीते थे..
तुझे भूलकर भी
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम, बस यही एक वादा निभा पायेगें हम, मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन, तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम….
यूं कम ना आंकिये
लफ़्ज़ों को यूं कम ना आंकिये, चंद जो इक्कठे हो जाएँ तो शेर हो जाते हैं।
तेरे ख्याल में
तेरे ख्याल में जब बे-ख्याल होता हूँ, ज़रा सी देर को सही बे-मिसाल होता हूँ।
आँखों की आवाज़
आँखों की आवाज़ कुछ और होती है, आंसू की आग कुछ और होती है … कौन चाहता है बिछड़ना अपनों से , पर किस्मत की बात कुछ और होती है |
बहुत शौक था
बहुत शौक था सब को जोङ के रखने का ! होश तब आया जब अपने वजूद के टुकङे देखे !!
परेशानियों ने भी
परेशानियों ने भी क्या खूब याद रखा मेरे घर का पता…. बस ये खुशिया ही है जो आवारा निकली…
तेरी एक झलक पाने को
तेरी एक झलक पाने को तरस जाता है दिल मेरा….! खुश किस्मत हैं वो लोग जो तेरे घर के सामने रहते है..!!