प्यार से ना देखा

तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने….. हमें इश्क का शौक है, आवारगी का नही…

अजनबी शहर में

इस अजनबी शहर में ये पत्थर कहाँ से आया फराज़ लोगों की इस भीड़ में कोई अपना जरूर है

बहुत ही सादा हू

बहुत ही सादा हू मैं और ज़माना अय्यार.. खुदा करे कि मुझे शहर की हवा न लगे….

बता देती है

नजरें सब बता देती है नफ़रतें भी, हसरतें भी

हर रोज कयामत

तेरे बगैर जीने का तजुर्बा भी हसीन होगा….हर रोज मरूंगा मैं, हर रोज कयामत होगी…..

गुफ़्तगू नहीं करते

लफ़्ज़ जब तक वज़ू नहीं करते हम तेरी गुफ़्तगू नहीं करते तू मिला है ऐसे लोगो को जो तेरी आरज़ू नहीं करते

मैँ भी जिन्दा हूँ….

कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।” देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥

यूँ ना देखा

यूँ ना देखा करो ….खुदा के लिए , मोहब्बत बढ़ गई तो मुसीबत हो जाएगी…

दिल का राज है

दिल का राज है लेकिन तुम्है बतला रहा हूँ मैँ “” “” जिसे खुद भी नही मालुम उसी को चाह रहा हूँ…

दिल को बेचैन

दिल को बेचैन सा करती है तुम्हारी आंखें…! • रात को देर तक तुम मुझे सोचा ना करो..

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