मैं ख्वाहिश बन जाऊँ और तू रूह की तलब बस यूँ ही जी लेंगे दोनों मोहब्बत बनकर.
Category: Shayari
मोहब्बत सिर्फ देखने से
मोहब्बत सिर्फ देखने से नहीं, कभी कभी बातो से भी हो जाती है…
जिन पर लुटा चूका था
जिन पर लुटा चूका था मैं दुनिया की दौलतें उन वारिसों ने मुझको कफ़न नाप कर दिया
जहाँ कुछ दर्द
जहाँ कुछ दर्द का मज़कूर होगा… हमारा शेर भी मशहूर होगा..
कहानी ख़त्म हुई
कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई… कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए..
गया वो वक़्त
गया वो वक़्त जब परियों की कहानी हमें सुला देती थी* अब एक परी का किस्सा हमें सोने नहीं देता रात भर…
कभी यूँ भी
कभी यूँ भी तो हो,, परियों की महफ़िल हो कोई तुम्हारी बात हो और तुम आओ
कोई उन्हें भी
कोई उन्हें भी नौकरी दे दो दिल तोडने की डिग्री है उनके पास
उम्मीदों के ताले
उम्मीदों के ताले पड़े के पड़े रह गए, तिज़ोरी उम्र की, ना जाने कब ख़ाली हो गई !!
इतनी चाहत से
इतनी चाहत से न देखो भरी महफ़िल में मुझे वो हरेक बात का अफसाना बना देता है!