कई साल पहले मर गया

आशिक था जो मेरे अन्दर वो कई साल पहले मर गया…! अब तो एक शायर है, जो बहकी बहकी बाते करता है..!!

पलकों की हद

पलकों की हद तोड़ के दामन पे आ गिरा, एक आंसू मेरे सबर की तौहीन कर गया…..

है हमसफर मेरा तू

है हमसफर मेरा तू.. अब… मंझिल-ऐ-जुस्तजू क्या…?? खुद ही कायनात हूँ… अब…. अरमान-ऐ-अंजुमन क्या…???

दर्द छुपाना भी

दर्द छुपाना भी एक हुनर है, वरना नमक तो हर मुठी में है..!!

वो लम्हा ज़िन्दगी का

वो लम्हा ज़िन्दगी का बड़ा अनमोल होता है जब तेरी यादें, तेरी बातें , तेरा माहौल होता है |

बहुत दिन हुए

बहुत दिन हुए तुमने, बदली नहीं तस्वीर अपनी! मैंने तो सुना था, चाँद रोज़ बदलता हैं चेहरा अपना!!

कोई रिश्ता बना

कोई रिश्ता बना के मुतमईन होना नही अच्छा !! मुहब्बत आखिरी हद तक ताल्लुक आजमाती है!!

कैसे सबूत दूँ

कैसे सबूत दूँ तुझे मेरी मोहब्बत का…?? फूलों की महक देखनी हो….. तो जज़्बात की निग़ाह चाहिये….!!

एक रूह है

एक रूह है.. जैसे जाग रही है.. एक उम्र से… । एक जिस्म है.. सो जाता है बिस्तर पर.. चादर की तरह… ।।

अगर फुर्सत के लम्हों मे

अगर फुर्सत के लम्हों मे आप मुझे याद करते हो तो अब मत करना.. क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही|

Exit mobile version