कल क्या खूब इश्क़ से मैने बदला लिया, कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे ज़ला दिया..!!
Category: Hindi
जब आग की वादी में
जब आग की वादी में ठहरा है सफ़र करना फिर मौत से क्या डरना फिर मौत से क्या डरना |
उसी को लिख लिख कर
उसी को लिख लिख कर मिटा रहा हूँ,जिसे मिटाकर आज तक कुछ लिखा नही मैंने।
फुर्सत में कभी
फुर्सत में कभी तुझपे.एक कलाम लिखेंगे कभी आना मेरे शहर तुम पे शाम लिखेंगे|
ख़त्म होती हुई
ख़त्म होती हुई इक शाम अधूरी थी बहुत… ज़िंदगी से ये मुलाक़ात ज़रूरी थी बहुत…
दो लफ्ज़ तुम्हें
दो लफ्ज़ तुम्हें सुनाने के लिए… हज़ारों लफ्ज़ लिखे ज़माने के लिए|
एक ताबीज़ तेरी
एक ताबीज़ तेरी मेरी मोहब्बत को भी चाहिए… थोड़ी सी दिखी नहीं कि, नज़र लगने लगी…
एहसान ये रहा
एहसान ये रहा मुझ पर तोहमत लगाने वालों का..उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया..
मै तो अपनी ही
मै तो अपनी ही नादानियों पर हँस लेता हूं…..!! और ज़माना पूछता है इतनी ख़ुशी लाते कहा से हो……?
मेरी आँखों में
मेरी आँखों में आँसू नहीं, बस कुछ “नमी” है.. वजह तू नहीं, तेरी ये “कमी” है..