हुआ जब इश्क़

हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें; आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे; हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो कि; ओढ़ कर कफ़न, आँखें बंद करके सोते रहे।

हर वक़्त तेरे आने की

हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है! हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है! सब कुछ है यहाँ बस तू नही! इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है!

रिश्ता क्या है

रिश्ता क्या है तेरा मेरा,तेरी किस्मत चांदनी राते,मेरी किस्मत घोर अँधेरा…..

अपने इन्तजार में

अपने इन्तजार में थोडे अश्क मिला लेती हूँ…… बस इस तरह अपने इश्क को निभा लेती हूँ….!!

कलम मिल भी गयी

कलम मिल भी गयी तो दर्द में डूबे अल्फाज़ कहा से लाओगे, गूंगे बहरो की ज़मात में आवाज़ कहा से लाओगे?

वो तब भी थी

वो तब भी थी, अब भी है और हमेशा ही रहेगी ये मोहब्बत है जनाब कोई तालीम नहीं जो पूरी हो जाएंगी|

मुझे तनहा न समझ

तू मुझे तनहा न समझ…. मैंने एक दुनिया सजा रखी है… तेरे ख्यालों की…

हमारा इश्क भी

हमारा इश्क भी सूफियाना ही रहा… वो दे न पाए,और हम इंतज़ार करते रहे!!!

तेरी तलाश में

तेरी तलाश में निकलू भी तो क्या फायदा? तुम बदल गए हो.. खो गए होते तो और बात थी..!!!

आज फिर रो के

आज फिर रो के चल दिए हमारे सामने से वो हमने तो बस इतना ही पूछा था की खुश तो रखता हे ना वो तुम्हे|

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