ऐ ज़िन्दगी तू

ऐ ज़िन्दगी तू अपनी रफ़्तार पे ना इतरा, जो रोक ली मैंने अपनी साँसें तो तू भी चल ना पायेगी…

इश्क तीली सा

इश्क तीली सा बस सुलगाता है इंसा चिरागों सा जलता रहता है|

मुद्दतों बाद आज

मुद्दतों बाद आज फिर परेशान हुआ है दिल…!! जाने किस हाल में होगा मुझसे रूठने वाला…!!

तुम हिदायत से

तुम हिदायत से अदावत से शिकायत से सही कम से कम हमसे ताल्लुक़ात रखे रहते हो !

मज़हब पता चला

मज़हब पता चला, जो मुसाफ़िर की लाश का चुपचाप आधी भीड़ अपने घरों को चली गई|

बस अपनी अपनी

बस अपनी अपनी अना में ग़ुम… कभी मैं जुदा कभी वो जुदा…

वही रास्ते वही

वही रास्ते वही मंजिले… ना मुझे ख़बर ना उसे पता…

चाहतों के मोड़ पे

चाहतों के मोड़ पे… कभी वो रुकी कभी मैं रुका…

यूँ ही रंजिशों में

यूँ ही रंजिशों में गुजर गयी.. कभी मैं ख़फ़ा कभी वो खफ़ा..।।

परखने में कोई

परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता…

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