गलती करने की आदत

मेरी गलती करने की आदत नहीं फिर भी करता हूँ, क्योंकि अच्छा लगता है तेरा प्यार से समझाना..!

मेरी ज़िन्दगी में

मेरी ज़िन्दगी में खुशियाँ तेरे बहाने से हैं .. आधी तुझे सताने से हैं, आधी तुझे मनाने से हैं…

न जाने इस जिद का

न जाने इस जिद का नतीजा क्या होगा, समझता दिल भी नहीं मै भी नहीं और तुम भी नही|

करेगा जमाना कदर

करेगा जमाना कदर हमारी भी एक दिन देख लेना… बस जरा ये भलाई की बुरी आदत छुट जाने दो.

तेरी नज़र पे

तेरी नज़र पे भी मुकदमा हो तेरी नज़र तो क़त्लेआम करे…

छोड़ दो किसी से

छोड़ दो किसी से वफा की आस….. ऐ दोस्त जो रूला सकता हैं वो भुला भी सकता हैं_!!

जिनके दिल पे

जिनके दिल पे लगती है चोट वो आँखों से नही रोते. जो अपनो के ना हुए, किसी के नही होते, मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है, की सपने टूट जाते हैं पर पूरे नही होते|

हाथ मे ज़ख़्म तो होता

काश ये दिल शीशे का होता.. कम से कम तोड़ने वाले के हाथ मे ज़ख़्म तो होता |

दिल से ज़्यादा

दिल से ज़्यादा महफूज़ जगह नहीं दुनिया में पर सबसे ज़्यादा लापता लोग यहीं से होते हैं|

मुकद्दर का लिखा

देखते है हम दोनों जुदा कैसे हो पायेंगे…, तुम मुकद्दर का लिखा मानते हो…, हम दुआ को आजमायेंगे…!!!

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