मोहब्बत यूँ ही

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती…., अपना वजूद भूलाना पडता है,किसी को अपना बनाने के लिए…।

जिद तो उसकी हैं

मिल जाए आसानी से,उसकी ख्वाहिश किसे है? जिद तो उसकी हैं जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं…॥

रो कर माँगा है

मैं कैसे उस शख्स को रूला सकता हूँ, जिस शख्स को मैनें खुद रो रो कर माँगा है…॥

जब जलेबी की तरह

अब जब जलेबी की तरह उलझ गई है जिंदगी तो ख्वाहिशोंसे खीचातानीं ठीक नहीं… चासनी में डूबकर जिंदगी का लाभ उठाऐ

पत्तों सी होती है

पत्तों सी होती है कई रिश्तों की उम्र, आज हरे……. कल सूख जाएँगे…. क्यों ना जड़ों से सीखें… रिश्ते निभाना

कबुल करने के किये

गलती निकाल ने के लिए “दीमाग”चाहिये .. ओर कबुल करने के किये “कलेजा” चाहिए..!!

मुसीबत में अगर

मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योकि… मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का..!

तेरे हैं हम

जाओ जा कर ढून्ढो हम से ज्यादा चाहने वाला मिल जाये तो खुश रहना न मिले तो फिर भी तेरे हैं हम..!!

क्यूँ तलाश करते हो

बहाना क्यूँ तलाश करते हो रूठ जाने का … बस इतना कह देते के दिल में जगह नहीं है…!

कदर करलो उनकी

कदर करलो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते हैं… दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है..!

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