ये ना समझना कि

ये ना समझना कि खुशियो के ही तलबगार है हम.. तुम अगर अश्क भी बेचो तो उसके भी खरीदार है हम..

मेरे दिल की कभी

मेरे दिल की कभी धड़कन को समझो या ना समझो तुम.. मैं लिखता हूँ मोहब्बत पे तो इकलौती वजह हो तुम..तुम|

तुमने उम्मीद दी

तुमने उम्मीद दी मैंने उम्मीद की हम दोनों यूं ही नदी के दो किनारों की तरह चलते रहे जीवन तक……

रिश्ते की गहराई

रिश्ते की गहराई अल्फाजो से मत नापो.. *सिर्फ एक सवाल सारे धागे तोड़ जाता है…!

तुम्हे खो के ही तो समझ में

तुम्हे खो के ही तो समझ में आया, क्या हमको पाना था जो ना पाया।।

चले जाने दो

चले जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे, इतनी चाहत के बाद जो मेरा ना हुआ वो किसी ओर का क्या होगा।।

इश्क तुझ से

इश्क तुझ से बुरा नहीं कोई, हर भले का बुरा किया है तूने।।

हमे कहां मालूम था

हमे कहां मालूम था कि इश्क होता क्या है…? बस…. एक ‘तुम’ मिली और जिन्दगी…. मोहब्बत बन गई|

जिन्दगी जीने का मजा

जिन्दगी जीने का मजा तब तक जब तक वो जरा अधूरी रही, मौका दूसरा हर किसी के मुकद्दर में हो ये जरूरी नहीं।।

अब ये न पूछना की..

अब ये न पूछना की.. ये अल्फ़ाज़ कहाँ सेलाता हूँ, कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपनी सुनाता हूँ|

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