मुकद्दर का लिखा

देखते है हम दोनों जुदा कैसे हो पायेंगे…, तुम मुकद्दर का लिखा मानते हो…, हम दुआ को आजमायेंगे…!!!

बहुत दिनों से

बहुत दिनों से इन आँखों को यही समझा रहा हूँ मैं ये दुनिया है यहाँ तो इक तमाशा रोज़ होता है|

उनकी गहरी नींद

उनकी गहरी नींद का मंज़र भी कितना हसीन होता होगा.. तकिया कहीं.. ज़ुल्फ़ें कहीं.. और वो खुद कहीं…!!

दर्द बयां करना है

दर्द बयां करना है तो शायरी से कीजिये जनाब….. लोगों के पास वक़्त कहाँ एहसासों को सुनने का….

पंछी बनने का मज़ा

आज़ाद पंछी बनने का मज़ा ही अलग है.. अपनी शर्तों पर जीने का….नशा ही अलग है |

मिलन की रुत से

मिलन की रुत से मुहोब्बत को तराशने वालों, अकेले बैठ के रोना भी प्यार होता हैं..!!

समझ में नहीं आता

समझ में नहीं आता वफा करें तो किससे करें …! मिट्टी से बने लोग काग़ज़ के टुकडों पे बिक जाते हैं …!!

ख़्वाहिशों का कैदी

ख़्वाहिशों का कैदी हूँ, मुझे हकीक़तें सज़ा देती हैं..

यूँ तो गलत नही

यूँ तो गलत नही होते अंदाज चेहरो के, लेकिन लोग वैसे भी नही होते जैसे नजर आते है।

उस दुकान का पता

उस दुकान का पता दो जहा लिखा हो, ” साहिब ” टूटे दिल का काम तसल्ली-बक्श किया जाता हैं

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