हजारों शेर मेरे सो गये कागज की कब्रों में अजब पिता हूँ कोई बच्चा मेरा ज़िन्दा नहीं रहता|
Category: शायरी
नींद आँखों में लिये
नींद आँखों में लिये, सुस्त पड़ी है कागज पर, थकान लफ्ज़ों की मेरे, उतरी नहीं अब तक…
कमाल का ताना मारा है
कमाल का ताना मारा है आज जिन्दगी ने की, अगर कोई तेरा है तो वो तेरे पास क्यूँ नहीं है !!
मेरी ख़्वाहिश है
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ… माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ..
मेरे हाथों को मालूम है
मेरे हाथों को मालूम है तुम्हारे गिरेबानों का पता, चाहूं तो पकड़ लूं पर मजा आता है माफ करने में ।
तुम्हारे ख्यालों में गुमसुम
तुम्हारी बात तुम्हारे ख्यालों में गुमसुम !! सभी ने देख लिया मुझको मुस्कुराते हुए !!
तुम नहीं आओगी
तुम नहीं आओगी कभी यह जानता हूँ , फिर भी दरवाजे पर हर दस्तक मुझे अपनी सी लगती है |
कुछ तो असर था
कुछ तो असर था उसकी मुस्कराहट मे तभी तो..!!आज भी ये दिल दुनिया कि भिड़ मे उसे ही ढूंढता है..!!
अभी-अभी एक टूटा तारा
अभी-अभी एक टूटा तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था, चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था !
कभी उदास बेठे हो तो
कभी उदास बेठे हो तो बताना… पगली हम फिर से दिल दे देंगे खेलने के लिए