हजारों शेर मेरे सो गये कागज की कब्रों में
अजब पिता हूँ कोई बच्चा मेरा ज़िन्दा नहीं रहता|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हजारों शेर मेरे सो गये कागज की कब्रों में
अजब पिता हूँ कोई बच्चा मेरा ज़िन्दा नहीं रहता|