शुक्र है कि ये दिल…सिर्फ़ धड़कता है…अगर बोलता…तो कयामत आ जाती….
Category: शर्म शायरी
इजाज़त है तुम्हे
भूल सकते हो तो भूल जाओ इजाज़त है तुम्हे…. न भूल पाओ तो लौट आना एक और भूल की इजाज़त है तुम्हें…..
मर्जी वफा कर लो
कुछ नही मिलता जितनी मर्जी वफा कर लो किसी से… मेरे दोस्त… जब वक़्त वफ़ा ना करे तो…. वफादार भी बेवफा हो जाता है.
कार्य करने के लिए
परिणामो की चिंता करना हमारा कार्यक्षेत्र नहीं हे.. . . हम तो सिर्फ कार्य करने के लिए उत्तरदायी हे… ……
मुझे भी आता था
हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है, . उन्हें कैसे समझाऊ एक ख्वाब अधुरा है …. वर्ना जीना मुझे भी आता था….. …..
जीना नहीं आता
जिंदगी सुंदर है पर मुझे. जीना नहीं आता, हर चीज में नशा है पर मुझे. पीना नहीं आता, सब मेरे बिना जी सकते हैं, र्सिफ मुझे दोस्तों के बिना…. जीना नहीं आता….!
अपना दर्द अपनो को
सब सो गए थे अपना दर्द अपनो को सुना कर मेरा भी कोई अपना होता तो मुझे भी नींद आ जाती…….
Yaadon Ke Sahare
Yaadon ki kimat wo kya jaane, Jo khud hi yaadon ko mita baithe hain, Yaadon ki kimat to unse puchoo jo yaadon ke sahare, Jindagi bita diya karte hain.
सहा ना जाये
सहा ना जाये के उसका लहजा सख्त ऐसा था, ये और बात थी, वो लब नाजुक फूलों जैसा था.
चोट लगती है
निगाहों से भी चोट लगती है… जनाब…. जब कोई देख कर भी अन्देखा कर देता है…!!