देखो ना चले जाना कहीं कल की तरह तुम। लगती हो खूबसूरत ग़ज़ल की तरह तुम।
Category: व्यंग्यशायरी
रखना हमेशा यूँ
रखना हमेशा यूँ ही अपने सिलसिले। तुझसे बिछड़के बुरा हाल हो जाएगा। तुझसे मिले बिना जो गुजरे एक पल। अपने लिए तो पूरा साल खो जाएगा।
काश तुम पूछो की
काश तुम पूछो की , मुझसे क्या चाहिये, मैं पकडू बस तेरा हाथ और कहूँ सिर्फ तेरा साथ चाहिये !!
बना दो वज़ीर
बना दो वज़ीर मुझे भी इश्क़ की दुनिया का दोसतों वादा है मेरा हर बेवफा को सजा ऐ मौत दूंगा…!!
आ जाओ तुम
आ जाओ तुम भी ज़माने की तरह सितम आजमाने के लिए। अब हमने दिल निकाल के रख दिया है चोट खाने के लिए।
तेरे साथ अपने
तेरे साथ अपने ज़ख्मों को सी लेते हैं हम। तुमसे मिलते हैं तो कुछ पल जी लेते हैं हम।
ज़रा आँखें करो बंद
ज़रा आँखें करो बंद मिलने ही चले आओ। अब होता नहीं है इंतज़ार ख़त का तुम्हारे।
आज भी प्यारी है
आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर निशानी .. फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखो का पानी ..!
मुझे आदत नहीं
मुझे आदत नहीं यूँ हर किसी पे मर मिटने की…! पर तुझे देख कर दिल ने सोचने तक की मोहलत ना दी ।।
प्यार करने वाले
प्यार करने वाले मरते नही मार दिए जाते है, कोई कहता है जला दो इन्हे, कोई कहता है दफना दो इन्हे, पर कोई यह क्यों नही कहता की मिला दो इन्हे…