भूल बैठा है

भूल बैठा है वो मेरा नाम न जाने कब से दिल ने सदियों से जिसे अपना बना रखा है …

बड़ी भूल हुई

बड़ी भूल हुई समझा प्यार है नफ़रत में जिन्दादिली कमाल है

मेरा प्यार सच्चा था

मेरा प्यार सच्चा था इस लिये तेरी याद आती है, अगर तेरी बेवफाई भी सच्ची है तो अब यादों मे मत आना…..

बड़ी देर कर दी

बड़ी देर कर दी, उसने मेरा दिल तोड़ने में…!!! ना जाने कितने शायर, मुझसे आगे निकल गये…!!

तुम कभी कभी

तुम कभी कभी गुस्सा कर लिया करो मुझसे यकीन हो जाता है कि अपना तो समझते हो….

यादें क्यों नहीं

यादें क्यों नहीं बिछड़ जाती, लोग तो पल में बिछड़ जाते हैं|

दोनों आखों मे

दोनों आखों मे अश्क दिया करते हैं हम अपनी नींद तेरे नाम किया करते है जब भी पलक झपके तुम्हारी समझ लेना हम तुम्हे याद किया करते हैं…

हम जिनके दीवाने है

हम जिनके दीवाने है वो गैरों के गुण गाते थे, हमने कहा आपके बिन जी ना सकेंगे, तो हंस के कहने लगे, के जब हम ना थे तब भी तो जीते थे..

कच्चे रिश्ते जरा भी

मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे .!

बड़ा अजीब होता है

बड़ा अजीब होता है मोहब्बत का खेल, एक थक जाये तो दोनों हार जाते हैं।

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