बरसों से खामोश हूं.

लोग कहते हैं कि समझो तो..खामोशियां भी बोलती हैं..! मै बरसों से खामोश हूं..और वो बरसों से बेखबर है..!!

सब सो गये

सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके अफसोस की मेरा कोई नहीं जो मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो..

इंसान बनाया जाए

अब तो मजहब कोई ऐसा चलाया जाए, जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए..

हम तो लिख देते

हम तो लिख देते हैं जो भी ज़हन में आता है, दिल को छू जाए तो इत्तफाक ही समझिए……!!

एहसास होता हैं

चलती रेल में खिड़की के पास बैठकर एहसास होता हैं, मानों जो जितना करीब हैं, वो तेज़ी से दूर जा रहे है..!!!

याद आते हो

मोहब्बत में हिसाब ओ किताब कौन करे, .. तुम याद आते हो और बेहिसाब आते हो ।

सर्दियों में अक्सर

सर्दियों में अक्सर… चोटें ज्यादा असर करतीं हैं…..!!

याद टूट कर

जिस दिन भी तेरी याद टूट कर आती है “ऐ जान” मेरी आँखों के साथ ये बारिश भी बरस जाती है…

तेरा प्यार पाने तक

मेरी चाहत सिर्फ तेरा प्यार पाने तक नहीं..!! मेरी ख्वाहिश तेरे साथ जन्नत जाने की है

पसन्द किया जाता

पसन्द करके प्यार नही किया जाता है …? ?प्यार करके पसन्द किया जाता

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