जो जहर हलाहल है

जो जहर हलाहल है वो ही अमृत है नादान, मालूम नही तुझको अंदाज है पीने के ।।

सर क़लम होंगे

सर क़लम होंगे कल यहाँ उन के जिन के मुँह में ज़बान बाक़ी है |

मुझको तड़पाता ही रहता है

तेरा प्यार मुझको तड़पाता ही रहता है! तेरा ख्वाब मुझको तरसाता ही रहता है! बन चुकी है जिन्द़गी जुल्मों-सितम की यादें, मेरा नसीब मुझको तो रुलाता ही रहता है!

एक उम्र है

एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है., और एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुजरता नहीं….

अमल से ज़िंदगी बनती है

अमल से ज़िंदगी बनती है जन्नत भी जहन्नम भी ये ख़ाकी अपनी फ़ितरत में न नूरी है न नारी है|

सब फ़रेब के आईनें हैं

ये लकीरें, ये नसीब, ये किस्मत सब फ़रेब के आईनें हैं, . ऐ खुदा हाथों में तेरा हाथ होने से ही मुकम्मल ज़िंदगी के मायने हैं.

अक्ल के पास खबर के सिवा

अक्ल के पास खबर के सिवा कुछ भी नही । तेरा इलाज नजर के सिवा कुछ भी नही।

तुझे हम भी हर पल यूँ

ऐ जिंदगी, तुझे हम भी हर पल यूँ सताएं तो क्या तमाशा हो जो तुझ से कर के हर वादा यूँ न निभाएं तो क्या तमाशा हो जो हम भी हर बात पर यूँ एहसान जताएं तो क्या तमाशा हो जो कभी हमारे दिल तक न पहुँचे तेरी सदाएं तो क्या तमाशा हो जो हम… Continue reading तुझे हम भी हर पल यूँ

बड़ी हसरत से

बड़ी हसरत से सर पटक पटक के गुजर गई, कल शाम मेरे शहर से आंधी, वो पेड़ आज भी मुस्कुरा रहें हैं, जिन में हुनर था थोडा झुक जाने का ।।।

डाल दिया नावों ने

डाल दिया नावों ने डेरा किनारे कन्दील पानी में रात जलती रही |

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