कोड़ी कोड़ी में बीके लोग… गुटनो पे टिके लोग… साला बरगद को चुनोती देते है … ये गमलो में उगे लोग !!
Category: प्यार शायरी
तू मोहोब्बत है
तू मोहोब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे… अगर मेरी जिद्द होती तो देर शाम तक मेरी बाहो में होती ..!!
आदत मेरी अंधेरो से
आदत मेरी अंधेरो से डरने की डाल कर… एक शक्श मेरी जिंदगी को रात कर गया ..!!
बस बरसात रह गयी…
ना इश्क़, ना वादा, ना मंज़िलें, ना शोहरतें… इस साल भी बरसात बस बरसात रह गयी…।।
फितरत किसीकी यूँ
फितरत किसीकी यूँ ना आजमाया कर ए जिंदगी, हर शख्स अपनी हद में लाजवाब होता है|
आँख से पानी बनकर
आँख से पानी बनकर निकल रहे हो,यकीनन तुम पत्थर ही थे।
सस्ता सा कोई इलाज़
सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मोह्ब्बत का ..! “एक गरीब इश्क़ कर बैठा है इस महंगाई के दौर मैं”….!!
मुझे सवाल नहीं
मुझे सवाल नहीं आते और उन्हें जवाब…. खामोश गुफ्तगू का मज़ा ही कुछ और है…..
आज समझ ले
आज समझ ले कल ये मौका हाथ ना तेरे आएगा ओ गफलत की नींद में सोने वाले कल पछतायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा|
तू यहाँ मुसाफिर हैं
तू यहाँ मुसाफिर हैं, ये सरह फ़ानी है.. चार रोज़ की मेहमाँ तेरी जिंदगानी है.. जान, जमीं, जर जेवर कुछ न साथ जाएगा.. खाली हाथ आया हैं.. खाली हाथ जाएगा.. जान कर भी अनजाना बन रहा हैं दीवाने.. अपनी उमरेफनी पर तन रहा है दीवाने… इस कदर तू खोया हैं इस जहां के मेले में…… Continue reading तू यहाँ मुसाफिर हैं