लब ये ख़ामोश रहेंगे

लब ये ख़ामोश रहेंगे… ये तो वादा है मेरा…! कुछ अगर कह दें निगाहें… तो ख़फा मत होना…

मिट जाने का इरादा

तुम्हारे लिये मिट जाने का इरादा था .. तुम ही मिटा दोगे….. यकीन नहीं होता|

काग़ज़ी फूल भी

काग़ज़ी फूल भी महकते हैं कोई देता है जब मोहब्बत से…

कैसे छोड़ दूँ

कैसे छोड़ दूँ साथ तेरा प्रिय ,जीवन की ढलती शामों में ….! धूप -छाँव की साथी हो ,मेरे सुख -दुःख की राहों में …..!!

तूने अता किया था

तूने अता किया था इसलिए गले लगा लिया, वरना दर्द जैसी चीज़ किसे होती अज़ीज़ है !

मिस्ल-ए-परवाना

मिस्ल-ए-परवाना फ़िदा हर एक का दिल हो गया, यार जिस महफ़िल में बैठा शम-ए-महफ़िल हो गया ।।

लफ़्ज़ों की शर्मिंदगी

लफ़्ज़ों की शर्मिंदगी देखने वाली थी !! खत में मुझे उसने बोसे भेजे थे !!

लजा कर शर्म

लजा कर शर्म खा कर मुस्कुरा कर दिया बोसा मगर मुँह को बना कर|

मयखाने की इज्जत

मयखाने की इज्जत का सवाल था, बाहर निकले तो हम भी थोडा लड़खड़ा के चल दिए….

बदल जाते हैं

बदल जाते हैं वो लोग वक्त की तरह; जिन्हें हद से ज्यादा वक्त दिया जाता है!

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