मुझसे नफरत ही करनी है

मुझसे नफरत ही करनी है तो,, इरादे मजबूत रखना।। जरा सा भी चुके तो मोहब्बत हो जायेगी|

तुमको दे दी है

तुमको दे दी है इजा़ज़त मैने इशारों से मांगने से ना मिलूं तो चुरा लेना मुझको

रूठा हुआ है

रूठा हुआ है मुझसे इस बात पर ज़माना…!!! . . शामिल नहीं है मेरी फ़ितरत में सर झुकाना…!!!

घर पहुँचता है कोई

घर पहुँचता है कोई और हमारे जैसा हम तेरे शहर से जाते हुए मर जाते हैं !

उदासी लिए चले

उदासी लिए चले आये हम दुआ दे के मुस्कुराने की|

महफ़िल के दब गए

सारे शोर महफ़िल के दब गए तेरी पाज़ेब की रुनझुन से!! इक तेरा आना महफ़िल में सारे हंगामों पे भारी हो गया

आओ एक बार

आओ एक बार साथ मुस्कुरा लें…. फिर ना जाने ज़िन्दगी कहाँ ले जाये …!!!

मेरी बेजुबां आँखों से

मेरी बेजुबां आँखों से गिरे हैं चंद कतरे… वो समझ सके तो आँसू ,ना समझ सके तो पानी |

मुहब्बत उठ गयी

मुहब्बत उठ गयी दोनों घरों से….!! सुना है एक ख़त पकड़ा गया है….!!

जब से तुम्हारी

जब से तुम्हारी नाम की मिसरी होंठ लगायी है मीठा सा ग़म है, और मीठी सी तन्हाई है|

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