कौन कहता है कि ‘पैसा’ सब कुछ खरीद सकता है. . . दम है तो टूटे हुए ‘विश्वास’ को खरीदकर दिखाईये…!!!
Category: जिंदगी शायरी
जग रहे हो किसी के लिए
जग रहे हो किसी के लिए.. .. या किसी के लिए सोये नहीं ?
चले भी आओ तसव्वुर में
चले भी आओ तसव्वुर में मेहरबां बनकर….. आज इंतज़ार तेरा….. दिल को…. हद से कुछ ज्यादा है
जो रूप आपको अच्छा लगे वो अपना लें
जो रूप आपको अच्छा लगे वो अपना लें… हमारी शख्सियत कांटा भी है, गुलाब भी है |
आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया
आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया.. वो गरीब कुछ न मिलने, पर भी दुआ दे गया ….
अच्छा दहेज न दे सका मैँ
अच्छा दहेज न दे सका मैँ, बस इसीलिए ; . . दुनिया के जितने ऐब थे, मेरी बेटी मे आ गए….!! #लाचारपिता
बात छोटी है पर विचारणीय है
बात छोटी है पर विचारणीय है… जिस धागे की गांठ खुल सकती हो, उस पर कैची मत चलाओ…!
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से, तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥
आंखों के सौ-सौ सपने हैं
आंखों के सौ-सौ सपने हैं, सपनों की सौ बातें । इन सपनों में तेरे आने की ही सौ सौगातें ।।
अच्छा हुआ जिसे चाहा
अच्छा हुआ जिसे चाहा…. उसके नही हुए…… नही तो हम गुलाम ही हो जाते…..