इतना आसान नहीं है जीवन का हर किरदार निभा पाना… इंसान को बिखरना पड़ता है रिश्तों को समेटने के लिए….!!
Category: गुस्ताखियां शायरी
खता हो गयी तो
खता हो गयी तो सजा बता दो, दिल में इतना दर्द क्यों है वजह बता दो, देर हो गयी है याद करने में ज़रूर, लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल दिल से मिटा दो।
यूँ तो होते है
यूँ तो होते है रूबरू चेहरे बहोत हर रोज़ मुझसे, लेकिन रुह को सुकून जिससे मिले वो चेहरा तुम्हारा है !!
लिखो तो पैगाम
लिखो तो पैगाम कुछ ऐसा लिखो की, कलम भी रोने को मजबूर हो जाये, हर लफ्ज में वो दर्द भर दो की, पढने वाला प्यार करने पर मजबूर हो जाये..
किसी हसरत का पता
अपने दिल की किसी हसरत का पता देते है।मेरे बारे में जो अफवाह उड़ा देते है|
तुम सामने आये तो
तुम सामने आये तो अजब तमाशा हुआ….. हर शिकायत ने जैसे खुदखुशी कर ली…….
उस गरीब की उम्मीदे
उस गरीब की उम्मीदे भी क्या होगी…. जिसकी सांसे गुब्बारो मे बिकती है….
एक साँस भी
एक साँस भी पूरी नही होती तुम्हारे ख़यालों के बिना….. कैसे सोच लिया जी लेंगे तुम्हारे बिना……
कितने अल्फ़ाज़ होते है
खामोशी के भी कितने अल्फ़ाज़ होते है अगर तुम समझ जाते तो आज मेरे पास होते..!!
कुछ न कहने से भी
कुछ न कहने से भी छिन जाता है एजाज़-ए-सुख़न, ज़ुल्म सहने से भी ज़ालिम की मदद होती है…