जो रूप आपको अच्छा लगे वो अपना लें… हमारी शख्सियत कांटा भी है, गुलाब भी है |
Category: हिंदी शायरी
आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया
आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया.. वो गरीब कुछ न मिलने, पर भी दुआ दे गया ….
अच्छा दहेज न दे सका मैँ
अच्छा दहेज न दे सका मैँ, बस इसीलिए ; . . दुनिया के जितने ऐब थे, मेरी बेटी मे आ गए….!! #लाचारपिता
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से, तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥
बात छोटी है पर विचारणीय है
बात छोटी है पर विचारणीय है… जिस धागे की गांठ खुल सकती हो, उस पर कैची मत चलाओ…!
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से, तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥
आंखों के सौ-सौ सपने हैं
आंखों के सौ-सौ सपने हैं, सपनों की सौ बातें । इन सपनों में तेरे आने की ही सौ सौगातें ।।
अच्छा हुआ जिसे चाहा
अच्छा हुआ जिसे चाहा…. उसके नही हुए…… नही तो हम गुलाम ही हो जाते…..
कुछ कह रही हैं आप के सीने की धड़कनें
कुछ कह रही हैं आप के सीने की धड़कनें मेरा नहीं तो दिल का कहा मान जाइए
कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे
कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे, जाम हो जाए तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए