रिश्ते और नाते.. मतलब की पटरी पर चलने वाली वो रेलगाड़ी है, जिसमे..जिस जिस का स्टेशन आता वो उतर जाता है !
Category: हिंदले शायरी
आज खुद को
आज खुद को इतना तनहा पाया हमने, जेसे लोग दफना के चले गए हो..!!
कागज़ की कतरनों को
कागज़ की कतरनों को भी कहते हैं लोग फूल रंगों का एतबार है क्या सूंघ के भी देख|
ये जो भी आज
ये जो भी आज हाल है… सब तेरी ही मेहरबानी है…
आज फिर रात
आज फिर रात बड़ी नम सी है आज तुम याद फिर बहुत आए|
कुछ कहे अनकहे किस्सों में
कुछ कहे अनकहे किस्सों में कैद है वह हर जंग, लोग फिर भी हर जीत पर शुक्र करते हैं किस्मत का..
मशाल ए आतिश
मशाल ए आतिश है ये रोग ए मुहब्बत रोशन तो करती है मगर जला जला कर |
गुलाम हुआ है
गुलाम हुआ है इंसान कुछ इस कदर रिश्ते मिलने को तरसते है …..
थकता जा रहा हूँ
रोज़ रोज़ थकता जा रहा हूँ तेरा इंतज़ार करते करते, रोज़ थोड़ा थोड़ा टूटता जा रहा हूँ तुजसे एक तरफ़ा प्यार करते करते|
एक अरसे से
एक अरसे से मुयासिर ही नहीं है वो लफ्ज़ , जिसे लोग करार कहते हैं …!!