मज़हब, दौलत, ज़ात, घराना, सरहद, ग़ैरत, खुद्दारी, एक मुहब्बत की चादर को, कितने चूहे कुतर गए…
Category: शायरी
आज तन्हा हुए तो
आज तन्हा हुए तो एहसास हुआ कई घंटे होते हैं एक दिन में ……..
शब-ए-आरज़ू
हज़ार दर्द शब-ए-आरज़ू की राह में है कोई ठिकाना बताओ कि क़ाफ़िला उतरे|
जल्दी बुरा मान जाते हैं…
लोग इतनी जल्दी बात नहीं मानते जितनी जल्दी बुरा मान जाते हैं…
हमें बेचैन बना जाती हैं
उसकी याद हमें बेचैन बना जाती हैं, हर जगह हमें उसकी सूरत नज़र आती हैं, कैसा हाल किया हैं मेरा आपके प्यार ने, नींद भी आती हैं तो आँखे बुरा मान जाती हैं|
थोडा वक़्त भेज दूँ
कहो तो थोडा वक़्त भेज दूँ… सुना है , तुम्हे फ़ुरसत नहीं मुझे याद करने की
यूँ तो हमारे बीच
यूँ तो हमारे बीच …कोई दूरियां न थी. हमारे बेरुखी ने… बीच मीलों फासले किये..
तू भेज रंग मुहब्बत के
तू भेज रंग मुहब्बत के वहाँ से हम भीगेगे उस बरसात में यहां से……
दर्द का समुन्दर
मुझमें डूबोगे नहीं तो भला जानोगे कैसे ? दर्द का समुन्दर आखिर कितना गहरा है..
दुआएं रद्द नही होती
दुआएं रद्द नही होती बस बहेतरीन वख्त पे कबूल होती है…..