ख़रीद सको न जिसको दौलत लूटा कर भी बिक जाता है वो तो केवल एक मुस्कान में !
Category: लव शायरी
रिश्ता जमीं से
रिश्ता जमीं से मेरा कभी टूटता नही वो याद रहा मुझको मेरी हर उड़ान में !
कभी आती है
कभी आती है हँसी खुद पर कभी खाली जेब पर हँसी आती है|
अब अकेला नहीं
अब अकेला नहीं रहा मैं यारों मेरे साथ अब मेरी तन्हाई भी है…..
जान निकल जाती है
टूटकर चाहना और फिर टूट जाना, बात छोटी है मगर जान निकल जाती है…..
ज़रा सी ढंग की रोटी
ज़रा सी ढंग की रोटी क्या मांग ली देश के सिपाही ने… सरकार ने तो बन्दुक ही छीन ली…
तमाम लोगों को
तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी, कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।
मेहरबान होकर बुला लो
मेहरबान होकर बुला लो मुझे किसी वक़्त, मैं गया वक़्त नहीं कि फिर आ भी ना सकूँ…..
मुझे देखो न इस तरह
मुझे देखो न इस तरह गहरी निगाह से तुम….!!! दिल डूबने सा लगता है मोहब्बत के ख्य्याल से
रंजिश ही सही
रंजिश ही सही , दिल को दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे , छोड़ जाने के लिए आ…..