इस तरह मिली वो मुझे

इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद, जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद, मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी, वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद|

कुछ लोग कहते है

कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं, उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं, उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है, पर अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं|

तख्तियां अच्छी नहीं लगती

तख्तियां अच्छी नहीं लगती, मुझे उजड़ी हुई ये बस्तियां अच्छी नहीं लगती ! चलती तो समंदर का भी सीना चीर सकती थीं, यूँ साहिल पे ठहरी कश्तियां अच्छी नहीं लगती ! खुदा भी याद आता है ज़रूरत पे यहां सबको, दुनिया की यही खुदगर्ज़ियां अच्छी नहीं लगती ! उन्हें कैसे मिलेगी माँ के पैरों के… Continue reading तख्तियां अच्छी नहीं लगती

उठो तो ऐसे उठो

उठो तो ऐसे उठो, फक्र हो बुलंदी को भी.. झुको तो ऐसे झुको, बंदगी भी नाज़ करे”..!!

हवा के दोश पे

हवा के दोश पे रक्खे हुए चराग़ हैं हम.. जो बुझ गए तो हवा से शिकायतें कैसी…!!!

रिश्ता निभाना मुश्किल

रिश्ता निभाना मुश्किल नहीं, बस थोड़ी सी वफ़ा चाहिए|

उठो तो ऐसे उठो

उठो तो ऐसे उठो, फक्र हो बुलंदी को भी..!! झुको तो ऐसे झुको, बंदगी भी नाज़ करे..!!!

इतनी कमियाँ निकाली

एक एक कर इतनी कमियाँ निकाली लोगो ने मुझमें की ……अब सिर्फ खूबियाँ ही रह गयी है मुझमें |

बहुत अहसान है

बहुत अहसान है हम पर तुम्हारे,एक और कर देते होकर हमारे |

सिर्फ एक रूह बची है

सिर्फ एक रूह बची है,ले जा सकते हो तो ले जाओ..! बाकी सब कुछ तेरे इश्क़ में हम हार बैठे है|

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