मुकाम और भी है

मुकाम और भी है दुनिया में इश्क़ के सिवा, ये राह है और तूने इसे मंज़िल समझ लिया.!!

हम उनकी ज़िन्दगी में

हम उनकी ज़िन्दगी में सदा अंजान से रहे, और वो हमारे दिल में कितनी शान से रहे..

ज़िंदगी अब नही सवरेगी

ज़िंदगी अब नही सवरेगी शायद, बड़ा तजुर्बेकार था उजाड़ने वाला..!!

लाख पता बदला

लाख पता बदला ….. मगर पहुँच ही गया… ये ग़म भी था कोई “डाकिया” ज़िद्दी सा…

सहम सी गई है

सहम सी गई है ख्वाहिशें… ज़रूरतों ने शायद ऊँची आवाज़ में बात की है…

उसने जी भर के

उसने जी भर के मुझको चाहा था…, फ़िर हुआ यूँ कि उसका जी भर गया।

ये फैसला तो शायद

ये फैसला तो शायद वक़्त भी न कर सके सच कौन बोलता है, अदाकार कौन है।

तफ़सील से तफ्तीश

तफ़सील से तफ्तीश जब हुई मेरी गुमशुदगी की, मैं टुकड़ा टुकड़ा बरामद हुआ उनके ख्यालों में..!!

हम भी बदल जाते

बदलने को हम भी बदल जाते… फिर अपने आप को क्या मुंह दिखाते |

ख़ामोश सा शहर

ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू, हम किससे करें बात कोई बोलता ही नहीं…

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