दिल की बातें

दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत |

रात होते ही

रात होते ही, तेरे ख़यालों की सुबह हो जाती है|

तू वैसी ही है

तू वैसी ही है जैसा मैं चाहता हूँ… बस मुझे वैसा बना दे जैसा तू चाहती है…

धीरे धीरे बहुत कुछ

धीरे धीरे बहुत कुछ बदल रहा है… लोग भी…रिश्ते भी…और कभी कभी हम खुद भी….

हमने दिया है

हमने दिया है, लहू उजालों को. हमारा क़र्ज़ है इस दौर के सवेरों पर|

मत दो मुझे खैरात

मत दो मुझे खैरात उजालों की, अब खुद को सूरज बना चुका हूं मैं..

हजारो अश्क मेरे

हजारो अश्क मेरे आँखो की हिरासत में थे फिर तेरी याद आई और उन्हें जमानत मिल गई|

कई काम निकल आते है

ज़िन्दगी हो तो कई काम निकल आते है याद आऊँगा कभी मैं भी ज़रूरत में उसे|

इक इश्क़ का ग़म

इक इश्क़ का ग़म आफ़त और उस पे ये दिल आफ़त या ग़म न दिया होता, या दिल न दिया होता|

तू मोहब्बत से

तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे !

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