किस कदर जोर से

किस कदर जोर से हंसा था दिल ! साफ़ लगता था रोने वाला है !!

बैठा है क्यों

बैठा है क्यों उदास वो दिलबर की याद में……?? मुझसे तो कह रहा था मुहब्बत फिजूल है……

जो भी आता है

जो भी आता है एक नई चोट देकर चला जाता है, माना मैं मजबूत हूँ लेकिन…… पत्थर तो नहीं.!

लफ्ज़-ए-तसल्ली

लफ्ज़-ए-तसल्ली तो इक तक़ल्लुफ़ है साहिब, जिसका दर्द, उसी का दर्दबाक़ी सब तमाशाई..!!

तेरी कमी आज

तेरी कमी आज भी कोई पूरी नही कर सकता पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमजोरी..

कोई मजबूरी होगी

कोई मजबूरी होगी जो वफा कर ना सके!! !!मेरे मेहबूब को ना शामिल करो बेवफाओ में!!

हो ना जाए

हो ना जाए हुस्न की शान में गुस्ताख़ी कहीं मेरी जान तुम चले जाओ तुम्हे देखके प्यार आता है|

सारे जग की प्यास

सारे जग की प्यास बुझाना, इतना आसाँ काम है क्या? पानी को भी भाप में ढलकर बादल बनना पड़ता है|

आसमां में उड़ने

आसमां में उड़ने की चाह रखने वाले.. कभी जमीं पे गिरने की परवाह नहीं करते !!

इबादत की खुशबू

इबादत की खुशबू पहुँचे तुम तक अपने यकीन का इम्तिहान कर दूँ आज मैं अपने अश्क को गंगा और इश्क को कुरान कर दूँ |

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