इतनी कमियाँ निकाली

एक एक कर इतनी कमियाँ निकाली लोगो ने मुझमें की ……अब सिर्फ खूबियाँ ही रह गयी है मुझमें |

बहुत अहसान है

बहुत अहसान है हम पर तुम्हारे,एक और कर देते होकर हमारे |

सिर्फ एक रूह बची है

सिर्फ एक रूह बची है,ले जा सकते हो तो ले जाओ..! बाकी सब कुछ तेरे इश्क़ में हम हार बैठे है|

बयाँ कैसे करूँ

बयाँ कैसे करूँ में अपने उजड़ने की दास्ताँ,आज भी फ़िक्र ने तेरी मुझे बेजुबां बना दिया|

माना उन तक पहुंचती नहीं

माना उन तक पहुंचती नहीं तपिश हमारी, मतलब ये तो नहीं कि, सुलगते नहीं हैं हम…

मोहब्बत करने का

चल यारा..मोहब्बत करने का हुनर सिखाता हूँ.. इश्क तुम शुरू करो निभाकर मैं दिखाता हूँ…!!

आजकल महंगे लिबासों में

आजकल महंगे लिबासों में घटिया लोग.. और घटिया लिबासों में महंगे लोग पाये जाते हैं

अपने एहसास से छू कर

अपने एहसास से छू कर मुझे चन्दन कर दो में सदियों से अधूरा हूँ , मुझे मुकम्मल कर दो |

बेखुदी बे सवब नहीं

बेखुदी बे सवब नहीं गालिब, कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है।।

मुझे भी सिखा दो

मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर.. मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हें याद करते करते|

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