इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है

इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है । मैं उसके शहर में बंद मकान की तरह हूँ ।।

ना बुरा होगा ना बढ़िया होगा

ना बुरा होगा ना बढ़िया होगा, होगा वैसा, जैसा नजरिया होगा ।

कहते हैं ईश्क एक गुनाह है

कहते हैं ईश्क एक गुनाह है, जिसकी शुरूआत, दो बेगुनाहो से होती है..

इस साल गर्मी तो बहुत पड़ रही है

इस साल गर्मी तो बहुत पड़ रही है…. . . . . फिर भी तेरा दिल पिघलने ….का नाम ही नहीं ले रहा.

प्यार का मतलब तो नहीं मालूम मुझे

प्यार का मतलब तो नहीं मालूम मुझे, मगर जब जब तुझे देखूँ दिल धङकने लगता है…!!!

धन से बेशक गरीब रहो

धन से बेशक गरीब रहो, पर दिल से रहना धनवान।। अक्सर झोपडी पे लिखा होता है “सुस्वागतम्” और महल वाले लिखते है “कुत्तो से सावधान”।।

अगर मुझ से नफरत ही करनी है तो ऐसी दुआ कर

अगर मुझ से नफरत ही करनी है तो ऐसी दुआ कर…. . कि तेरी दुआ भी पूरी हो जाए और मेरी जिँदगी भी…..

मुठ्ठी बंद किये बैठा हूँ

मुठ्ठी बंद किये बैठा हूँ, कोई देख न ले चाँद पकड़ने घर से निकलूँ , जुगनू हाथ लगे

Exit mobile version