कितनी खूबसूरत बात..
अगर भगवान नहीं हैं तो जिक्र क्यों. ..?
और
अगर भगवान हैं तो फिर फिक्र क्यों??
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कितनी खूबसूरत बात..
अगर भगवान नहीं हैं तो जिक्र क्यों. ..?
और
अगर भगवान हैं तो फिर फिक्र क्यों??